पागल कुत्ते के काटने से महिला ने खोई सुधबुध, हालत गंभीर

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सितारगंज(उद संवाददाता)। पागल कुत्ते के काटने से वार्ड एक निवासी महिला के शरीर में रैबीज फैल गया। जिसके गंभीर संभावित लक्षण आने के बाद महिला ने सुधबुध खो दी। महिला पानी से डरने लगी। डॉक्टरों ने परिजनों से पूरी जानकारी लेने के बाद महिला को गंभीर अवस्था में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में रेफर कर दिया है। बुधवार को उप जिला अस्पताल में डड्ढूटी पर तैनात डॉक्टर लक्ष्मण सिंह बृजवाल, डॉक्टर रविंद्र सिंह ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं दे रहे थे। तभी अस्पताल में नगर के वार्ड नंबर एक निवासी महिला को गंभीर अवस्था में परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों के अनुसार महिला अजीब हरकते करने लगी। पानी से डरने लगी। संदेह होने पर दोनों डॉक्टरों की टीम ने महिला के परिजनों से पूछताछ की तो परिजनों ने बताया कि महिला को जनवरी माह में कुत्ते ने काटा था। इसके बाद डॉक्टरों ने रेबीज के संभावित लक्षण होने का संदेह जताते हुए महिला को गंभीर अवस्था में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में रेफर कर दिया। डॉ लक्ष्मण सिंह बृजवाल ने बताया कि प्राथमिक उपचार में महिला में संभावित रेबीज फैलने के लक्षण हो सकते हैं। वहीं नगर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पशु विभाग की टीम ने एंटी रैबीज टीकाकरण के लिए नगर पालिका प्रशासन से सहयोग मांगा हैं। पशु चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका प्रशासन आवारा कुत्तों को पकड़े। इसके बाद पशु विभाग की टीम तत्काल एंटी रेबीज का टीकाकरण करेगी। उन्होंने बताया कि कुत्तों की संख्या रोकने के लिए बदिया करण की प्रक्रिया योजना के अनुरूप ही साकार हो सकती हैं। बदिया करण के बाद कई दिन तक कुत्ते की देखभाल करनी होती हैं। उसे तत्काल आवारा नहीं छोड़ा जा सकता हैं। वहीं अधिशासी अधिकारी प्रतिभा कोहली ने कहा कि पालिका कुत्तों को पकड़कर जंगलों में छोड़ती है तो वे दोबारा आबादी में प्रवेश करेंगे। इसलिए कुत्तों के लिए एंटी रैबीज टीकाकरण और बदियाकरण अभियान समस्या के समाधान के लिए बेहतर होगा। पशु विभाग से इस संबंध में वार्ता की जाएगी।

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3 माह में 350 लोग एंटी रैबीज टीका लगवाने पहुंचे
सितारगंज। क्षेत्र में आवारा कुत्ते, बंदरों की संख्या काफी बढ़ गई हैं। जिससे आए दिन लोग कुत्ते, बंदरों के काटने का शिकार हो रहे हैं। कुत्ते और बंदरों के काटने के बाद लोग एंटी रैबीज के इंजेक्शन के लिए सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिम्मेदार विभाग इसके बावजूद आवारा, कुत्ते बंदरों को पकड़ने का अभियान नहीं चला रहा हैं। जिससे शहर निवासी एक महिला रैबीज के जानलेवा संक्रमण से ग्रसित हो गई है। उप जिला अस्पताल में फरवरी, मार्च और अप्रैल माह के शुरुआत तक 350 लोगों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन विभाग लगा चुका हैं।

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