देहरादून(उद संवाददाता)। इस बार दिसंबर बीतने के बावजूद अधिकांश पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी नहीं हुई। ऐसे में पहाड़ों पर नए साल का जश्न मनाने पहुंचे पर्यटकों में मायूसी है। चमोली के औली, कर्णप्रयाग, देवाल, ग्लवादम, लोहाजंग, रुद्रप्रयाग के चोपता, उत्तरकाशी के हर्षिल, केदारकांठा, सांकरी, टिहरी के धनोल्टी, चौरंगी, गंगी और पौड़ी के लैंसडौन, खिर्सू में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच चुके हैं, जिससे सभी जगह रौनक और चहल-पहल है। नए साल का जश्न मनाने के लिए औली में 3000 से अधिक पर्यटक उमड़े हैं। रविवार शाम तक पर्यटकों के औली पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। यहां पर्यटक बोन फायर और डीजे के संगीत पर जमकर थिरकते रहे। पर्यटकों के लिए अधिकांश होटलों में पहाड़ी पकवानों की भी व्यवस्था की गई है। साल के अंतिम दिन की विदाई और नए साल के स्वागत को लेकर औली में पर्यटकों का हुजूम उमड़ा हुआ है। पर्यटक दिनभर चेयर लिफ्ट से सैर करते रहे। वहीं कुछ पर्यटक गोरसों बुग्याल भी गए। पर्यटकों ने औली से गोरसों बुग्याल तक घुड़सवारी का भी आनंद लिया। हालांकि अब वहां भी बर्फ पिघल चुकी है। रविवार को जोशीमठ और औली में सुबह तक हल्के बादल छाए हुए थे, लेकिन दिन बढ़ने के साथ ही मौसम भी साफ हो गया और बर्फबारी की सारी उम्मीदें खत्म हो गई। वहीं होटलों में भी नए साल के जश्न को लेकर खासे इंतजाम किए गए हैं। देर शाम को कैंप फायर और संगीत के साथ पर्यटक जमकर थिरकते रहे। स्थानीय होटल संचालक अजय भट्टð ने बताया कि भले ही बर्फबारी नहीं हुई है, लेकिन पर्यटकों के मनोरंजन के लिए सभी जगह पर खासे इंतजाम किए गए हैं। चेयर लिफ्ट प्रबंधक दिनेश भट्टð ने बताया कि रविवार को 1500 से अधिक पर्यटकों ने चेयर लिफ्ट से औली का दीदार किया। बीते दस दिनों में 10 हजार से अधिक पर्यटक चेयर लिफ्ट का आनंद ले चुके हैं। नए साल का जश्न मनाने के लिए कई पर्यटक क्वांरीपास भी पहुंचे। यहां पर अभी बर्फ है, जिसके चलते यहां पहुंचे पर्यटक खासे उत्साहित रहे। यहां पर कई स्थानीय लोगों के टेंट हैं, जिनमें रात्रि विश्राम की व्यवस्था है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहाड़ों की चोटियां बर्फविहीन हो गई हैं। वहीं, घाटियों में बहने वाले गदेरे और झरने कड़ाके की ठंड से जम चुके हैं। पूरी नीती घाटी में जगह-जगह पहाड़ों से गिरने वाले झरने बर्फ में तब्दील हो गए हैं। बदलते पर्यावरण का असर इस बार साफ दिख रहा है। नीती घाटी की जो चोटियां इन दिनों बर्फ से लकदक बनी रहती थीं, वह बर्फविहीन हो गई हैं। मौसम शुष्क होने से क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शाम होते ही यहां शीतलहर शुरू हो जाती है। जिससे यहां का तापमान माइनस 10 तक पहुंच रहा है। ऐसे में क्षेत्र में बहने वाले अधिकांश झरने व गदेरे पूरी तरह से बर्फ में तब्दील हो चुके हैं। सड़क पर बहने वाला पानी भी जगह-जगह पर जमा हुआ है। । नए साल के स्वागत के लिए लैंसडौन में अब तक 3000 से अधिक पर्यटक पहुंच गए हैं। ऐसे में लैंसडौन व इसके आसपास के क्षेत्र के होटल, होमस्टे व रिजॉर्ट फुल हो चुके हैं। मैदानी क्षेत्रों से आए पर्यटक यहां की प्राकृतिक छटा देख अभिभूत हो उठे। राजस्थान के कोटा, जयपुर, अलवर, दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, मेरठ, नोएडा, सोनीपत आदि स्थानों से पर्यटक यहां नववर्ष का जश्न मनाने के लिए पहुंचे हैं।पर्यटक बर्फबारी की आस लगाए हैं, लेकिन रविवार को लैंसडौन का मौसम साफ रहा। सुबह का तापमान आठ डिग्री के आसपास रहा। जबकि दोपहर में पारा 15 डिग्री के पार रहा। सबसे ज्यादा पर्यटकों का तांता टिप इन टॉप व भुल्ला ताल में लगा रहा। टिप इन टॉप से पर्यटकों ने बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों के दीदार कर इस खूबसूरत नजारे को अपने कैमरे में कैद किया। देर शाम तक पर्यटकों के यहां पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। सेना के म्युजियम से सैन्य पृष्ठभूमि की जानकारियां, टिप इन टॉप से हिमालय चोटियों का दृश्य, भुल्लाताल झील में नौका विहार करना भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। होटल कारोबार से जुड़े अजय सतीजा व गोविंद लîóा ने बताया कि फतेहपुर, बिलांसू, पालकोट, गोयूं, डेरियाखाल, लैंसडौन, जयहरीखाल, गुमखाल, हटनिया, देवीखेत, सिसल्डी, चुडंई, घांघलीखाल में सभी होटल व रिजॉर्ट बुक हो चुके हैं। कर्णप्रयाग व देवाल क्षेत्र में पहुंचे पर्यटक आसमान में टकटकी लगाकर बारिश और बर्फबारी का इंतजार में कर रहे हैं। कई पर्यटक बिना बर्फ देखे ही लौट रहे हैं, जबकि अधिकांश कड़ाके की ठंड में अभी भी बर्फबारी की उम्मीद में यहां ठहरे हुए हैं। पहाड़ी क्षेत्र में पिछले सालों तक 26 दिसंबर तक बारिश शुरू हो जाती थी, लेकिन इस साल बारिश नहीं आई, लिहाजा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी भी नहीं हुई। नए साल की पूर्व संध्या पर टिहरी झील, काणाताल, धनोल्टी सैलानियों से दिनभर गुलजार रहा। गुनगुनी धूप के बीच पर्यटकों ने टिहरी झील में बोटिंग का लुत्फ उठाया। नए साल के जश्न के लिए टिहरी झील किनारे बने होटल, फ्लोटिंग हट्स, टेंट हाउस, कॉटेज और होम स्टे पर्यटकों से फुल हो गए हैं। धनोल्टी, काणताल क्षेत्र में भी रौनक रही। पर्यटकों की एकाएक बढ़ती संख्या को देखते हुए होटल और बोट व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिल उठे। चंबा-धनोल्टी मार्ग पर सुबह से पुलिस टीम जगह-जगह मुस्तैद रही। जिसके ट्रैफिक सुचारू रहा, हालांकि कद्दूखाल में कुछ-कुछ देर जाम भी लगता रहा। टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण ;टाडाद्ध विपणन अधिकारी नवीन नेगी ने बताया कि रविवार को 970 लोग शाम साढ़े चार बजे तक बोटिंग कर चुके है। अन्य दिनों में यह संख्या दो सौ से लेकर तीन सौ के लगभग रहती है।
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