उत्तराखंड का होगा तीसरा दशक,तीर्थाटन और पर्यटन विकास से आएगी समृद्धि: नरेंद्र मोदी

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पांचवी बार नमो ने किये बाबा केदारनाथ के दिव्य दर्शन: केदारनाथ आपदा के बाद आदि गुरू शंकराचार्य की ऐतिहासिक मूर्ति का अनावरण
रूद्रप्रयाग/देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने मंदिर में पहुंच बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। गर्भगृह में प्रधानमंत्री ने लगभग 18 मिनट तक की पूजा। 8 बजकर 42 मिनट पर पूजा शुरू हुई, जो नौ बजे तक चली। इसके बाद पीएम मोदी ने स्वयंभू शिवलिंग की परिक्रमा भी की। पूजा के दौरान पुरोहितों ने पीएम मोदी के अगले पांच साल प्रधानमंत्री बनने की भी कामना की। इसके बाद पीएम मोदी ने आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने वहां बैठकर मानस पूजा की। ये प्रतिमा कर्नाटक के मैसूर में में तैयार की गई। कृष्ण शिला से निर्मित इस प्रतिमा को पिछले दिनों पहले गौचर और इसके बाद वायुसेना के हेलीकाप्टर की मदद से केदारनाथ पहुंचाया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड से लगाव किसी से छुपा नहीं है। वे कई बार बाबा केदार के दर्शनों को यहां आ चुके हैं। आज फिर एक बार पीएम मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे। विशेष विमान से हेलीपैड पर पहुंचने के बाद वे मंदिर के लिए पैदल ही निकल पड़े। हालांकि, हेलीपैड पर आॅल टेरिन वाइकल भी रखा गया था, लेकिन पीएम मोदी ने पैदल मंदिर तक पहुंचने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदि शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण समेत करीब 320 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने जिन योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें आदि शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती नदी पर घाट निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के आवास, मंदाकिनी नदी पर सुरक्षा दीवार और गरुड़ चट्टी पैदल मार्ग पर पुल का निर्माण शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली और प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कुछ समय शंकराचार्य प्रतिमा के समक्ष एकांत में ध्यान लगाया और मानस पूजा की। बाद में देश को संबोधित करते हुए उन्होंने आदि शंकर के सनातन दर्शन को विस्तार से रेखांकित किया।केदारनाथ में प्रधानमंत्री आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर नजर आए। प्रधानमंत्री के रूप में पांचवीं बार केदारनाथ पहुंचे नरेन्द्र मोदी के 51 मिनट के संबोधन का मुख्य अंश भारतीयता, भारतीय दर्शन और आदि शंकराचार्य के दर्शन पर केंद्रित रहा। उन्होंने उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश को भारतीय परंपरा व दर्शन के माध्यम से एक सूत्र में पिरोया। नमो की केदारनाथ के प्रति अगाध आस्था है और वह शुक्रवार को इससे अभिभूत भी दिखाई दिए। वह अकसर स्वयं को केदारनाथ के साथ उत्तराखंडियत से भी जोड़ते रहे हैं। उत्तराखंड में अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव हैं, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं की और न किसी को निशाने पर ही लिया है। उन्होंने कोई घोषणा तो नहीं की, लेकिन यह कहकर कि केदारनाथ में पिछले सौ वर्षों में जितने श्रद्धालु आए, उतने अगले 10 वर्षों में आएंगे, प्रधानमंत्री ने देशभर में केदारनाथ की महत्ता को रेखांकित करते हुए यहां तक कह दिया कि 21वीं शताब्दी का यह तीसरा दशक, उत्तराखंड का दशक होगा। अब केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे राज्य में इतनी समृद्धि आएगी, जिससे पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के ही काम आएगी। रोजगार के अवसर सृजित होंगे तो पलायन पर स्वतः ही अंकुश लग जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए बताया कि कल दीपावली पर वह कश्मीर में सैनिकों के बीच थे और आज वहां हैं, जिसे सैन्य भूमि कहा जाता है। वन रैंक-वन पेंशन का उल्लेख करते हुए भी मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी से चली आ रही सैनिकों की यह मांग उनकी ही सरकार ने पूर्ण की। उन्होंने आल वेदर रोड, )षिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भारतमाला प्रोजेक्ट, देहरादून-दिल्ली नेशनल हाइवे आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में पर्यटन व तीर्थाटन को अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। पीएम ने अपने संबोधन में कहा आपदा आई तो लोग पुरोहितो के कमरों में रहते थे पुरोहित श्रद्धालुओं का जमकर स्वागत करते थे। उनके अनुसार अब सुविधाओ का निर्माण हो रहा है। चाहे अस्पताल हो या फिर रेन सेंटरों का निर्माण किया गया जिससे बाबा केदार की उनकी यात्रा जमकर हो सकेगी। पीएम मोदी ने कहा मैंने आपदा को अपनी आँखों से देखा था लोग पूछते थे कि केदार का फिर से निर्माण हो सकेगा लेकिन मैंने कहा था होगा और आज वो सपना पूरा हुआ। आगे पीएम मोदी ने कहा कि भगवान केदार संतो के आशीर्वाद ने और इस मिट्टी ने हवाओ ने मुझे पाला पोसा, उसकी सेवा करने का मौका मुझे मिला इससे।बड़ी बात कही नहीं हो सकती। कहा कि इस पुनीत प्रयास के लिए उत्तराखंड सरकार का ऊर्जावान युवा मुख्यमंत्री धामी जी का मैं धन्यवाद करता हूँ। उनके अनुसार बर्फबारी के बीच भी हमारे श्रमिक भाई बहनों ने माइनस के टेम्प्रेचर में भी काम करते रहते थे। पीएम के अनुसार मैं लगातार ड्रोन के माध्यम से यहाँ के निर्माण कार्याे को मैं देखता रहा हूँ उन्होंने तमाम पुजारियों और रावल को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब केदारनाथ की त्रासदी का जिक्र कर रहे थे, उस दौरान वे भावुक हो गए। खुद को संभालते हुए उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों पर कहा कि कोई इंसान इसका क्रेडिट नहीं ले सकता। ईश्वर की कृपा ही इसकी हकदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्वास का साकार होना ही मेरे लिए सबसे बड़ा संतोष है। यह विश्वास केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर था। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों को आकार दे रहे मजदूरों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मजदूर भाई-बहनों ने बर्फबारी व विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच निर्माण कार्यों को जारी रखा, जो अपने आप में विशेष है। 80 के दशक में गरुड़चट्टी में बिताए दिनों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि तब से इस क्षेत्र की मुश्किलों से परिचित हूं। गरुड़चट्टी में साधना के दौरान विषम हालातों में श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हुए उन्हें देखा। यह पूरा क्षेत्र आध्यात्म व साधना का केंद्र है। यहां आकर मन को एक विशेष अनुभूमि मिलती है। कहा कि भगवान आशुतोष का यह ज्योर्तिर्लिंग ज्ञान, विज्ञान और दर्शन का प्रतीक है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ में हुए इस कार्यक्रम का ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, भीमशंकर, विश्वनाथ, त्रयंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर व घृश्णेश्वर के साथ ही देश के चारधामों में सीधा प्रसारण हुआ। केदारनाथ में प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम के दौरान भाजपा ने उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों में प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक किया। प्रदेश भाजपा के अनुसार उत्तराखंड में नीलकंठ, टपकेश्वर, डाटकाली मंदिर, गोपेश्वर, जोशीमठ, बैजनाथ, बागेश्वर समेत 35 प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक किया गया। इन कार्यक्रमों में साधु-संतों व श्रद्धालुओं के साथ ही विधायक, सांसद, महापौर समेत अन्य जनप्रतिनिधि और पार्टी कार्यकत्र्ता उपस्थित रहे। उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में प्रतिमा अनावरण के अवसर पर भाजपा ने प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक किया। कई स्थानों पर केदारनाथ के कार्यक्रम को देखने-सुनने की व्यवस्था की गई थी। केदारनाथ स्थित आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली जून 2013 की जल प्रलय में बह गई थी। केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के तहत समाधि स्थली को भी फिर से पुनर्निर्मित करने का निश्चय किया गया। वैसे भी केदारपुरी का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसी के अनुरूप समाधि स्थली डिजाइन की गई है। साथ ही इस स्थली में शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा स्थापित की गई। केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे दिव्य शिला के पास है आदि शंकराचार्य की पुनर्निर्मित दिव्य एवं भव्य समाधि स्थली। जमीन से आठ फीट की गहराई में बनी समाधि स्थली के लिए 40 मीटर लंबा और दो मीटर चैड़ा रास्ता है। इसके जरिये समाधि स्थली की परिक्रमा की जाती है। समाधि स्थली में स्थापित की गई है कि आदि शंकराचार्य की एक शिला पर बैठी अवस्था को प्रदर्शित करती प्रतिमा। साथ ही वहां मंदाकिनी व सरस्वती नदियों का जल भी प्रवाहित हो रहा है। कर्नाटक के मैसूर में निर्मित यह प्रतिमा कृष्ण शिला से बनी है। प्रतिमा के लिए पूर्व में 18 डिजाइन आए थे, जिनमें से मैसूर के डिजाइन को स्वीकार किया गया। पिछले दिनों शंकराचार्य की प्रतिमा को पहले गौचर और फिर वायुसेना के हेलीकाप्टर की मदद से केदारनाथ पहुंचाया गया। प्रतिमा स्थापित करने के लिए कर्नाटक से पांच मूर्तिकार बुलाए गए थे।

पीएम मोदी में देश के समग्र कल्याण के लिए कार्य करने की शक्ति: धामी
रूद्रप्रयाग। केदारपुरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धामों में किए जा रहे कार्यों और विभिन्न विकास योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले नामुमकिन लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। जिनमें से बहुत सी योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और अन्य पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहाड़ में रेल का सपना देखते थे। पीएम मोदी ने इस सपने को साकार किया है। आज )षिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम आॅल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए लाइफलाइन है। यह परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी और पर्यटन को बढ़ावा देंगी। वहीं इन परियोजनाओं से हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन आने वाला है। उन्होंने बताया कि केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान हैं। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए 245 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृत हो चुकी है। गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए भी करोड़ों रुपये के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं, जो सोचते हैं, वही अंतोत्गत्वा करते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का हिमालय और यहां पर स्थित मंदिरों से विशेष लगाव रहा है। चाहे कैलाश मानसरोवर की यात्रा हो या केदारपुरी में तप एवं ध्यान साधना हो। यहां की भूमि से प्रधानमंत्री ने हमेशा एक असीम आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा प्राप्त की है। जिसने उन्हें निरंतर देश के समग्र कल्याण के लिए कार्य करने की शक्ति दी है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म संस्कृति में आदि गुरु शंकराचार्य जी को कौन नहीं जानता। वह भारत की राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक चेतना के सूत्रधार थे। भारत की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं, वेदों एवं उपनिषेदों के असीम ज्ञान के संरक्षण व संवर्धन का श्रेय आदि गुरु शंकराचार्य को ही जाता है। उनकी इसी महान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारधाम के पुनर्निर्माण और आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि की पुनस्र्थापना के लिए आदि गुरु जैसी ही जिजीविषा, संकल्प और धैर्य की आवश्यकता थी, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में परिलक्षित हुई। धामी ने कहा कि आज का दिन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान, स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है। भारत पुनः विश्व गुरु बनने के लिए तैयार हो रहा है। देश में जो कार्य कभी नामुमकिन से प्रतीत होते थे, वह आज पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। चाहे वो राम मंदिर का मुद्दा हो, अनुच्छेद 370 का मुद्दा हो, तीन तलाक का मुद्दा हो या शक्तिशाली भारत के संपूर्ण विकास की बात हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने जहां एक ओर इस महामारी से डटकर मुकाबला किया है, वहीं विकास की गति को भी आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। पूरी दुनिया में इसकी सराहना की जा रही है। प्रदेश सरकार ने भी सफलतापूर्वक कोविड की प्रथम डोज को लगाने का लक्ष्य समय से पूर्व ही शत प्रतिशत प्राप्त कर लिया है। साथ ही दूसरी डोज भी करीब 50 प्रतिशत लोगों को लगाई जा चुकी है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन के लिए 205 करोड़ और महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं।

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