उत्तराखंड आने वाले संतों को भी लानी होगी कोविड रिपोर्ट: निरंजनी अखाड़े में पधारे नागा संन्यासी,हरिद्वार में जमात का भव्य स्वागत किया
सभी अखाड़ों की छावनियों में ठहरने वाले संतो की होगी कोरोना जांच
हरिद्वार। महाकुंभ में स्नान के लिए विभिन्न राज्यों से आने वाले संतों को भी 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट लानी होगी। इनता ही नहीं उत्तराखंड हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों के बीच मेला प्रशासन ने कोरोना महामारी से बचाव को लेकर कुंभ मेले के आयोजन की एसओपी की विस्तृत अनुपालन करने की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। बताया जा रहा है कि शाही स्थान के लिये सभी अखाड़ों की छावनियों में ठहरने वाले संतों की कोविड की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके साथ कोरोना संक्रमण नियंत्रण के मद्देनजर छावनियों में कोरोना गाईडलाइन का पालन भी करना होगा। कुंभ मेलाधिकारी श्री दीपक रावत के अनुसार महाकुंभ के आयोजन को लेकर सरकार, मेला प्रशासन व जिला प्रशासन और अधिक सचेत हो गया है। कुुंभ की अधिसूचना जारी होने के साथ एक अप्रैल से हरिद्वार महाकुंभ 2021 शुरू हो जाएगा। देश के पांच राज्यों में कोविड का नया स्ट्रेन एक बार फिर तेजी के साथ फैल रहा है। कुंभ को लेकर जारी मानक संचालन प्रक्रिया असोपी में कुंभ स्नान के लिए पंजीकरण और कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य होगी। कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्र(ालुओं के साथ संतों के लिए भी पंजीकरण और कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट लानी होगी। 11 मार्च को संन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे। मार्च में धर्मध्वाजा स्थापना के साथ अखाड़ों की पेशवाई भी निकलेगी। कुंभ स्नान के लिए अखाड़ों के संत और नागा संन्यासी हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गए हैं। ये संन्यासी अखाड़ों की छावनियों में ठहरेंगे। इसलिए कोविड संक्रमण नियंत्रण के लिए छावनियों में ठहरने वाले सभी संतों की कोविड की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग थर्मल स्क्रीनिंग और कोविड जांच टीम भी गठित कर रहा है। छावनियों में दो गज की दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन के लिए विशेष इंतजाम होंगे। गुरुवार को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर व्यापारियों ने जमात का भव्य स्वागत किया। इसके बाद जमात मुख्य बाजार से होते हुए गुजरी। इस दौरान स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने जमात पर पुष्पवर्षा की। एसएमजेएन पीजी कॉलेज छावनी में पहुंचने पर मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल और अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने संतों को फूल माला पहनाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। संतों ने छावनी में ठहरने और भोजन को व्यवस्थाएं तैयार करना शुरू कर दिया है।श्री पंचदशनाम आ“वान अखाड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरि ने बुधवार को अखाड़ा के संतों के साथ ज्वालापुर के पांडेवाला स्थित गुघाल मंदिर पहुंचकर निरीक्षण किया। पंचायती धड़ा फिराहेड़ियान के पदाधिकारियों से पांच मार्च को निकलने वाली पेशवाई की तैयारियों पर चर्चा की। श्रीमहंत सत्यगिरि ने कहा कि प्राचीन समय से ही अखाड़े की पेशवाई प्राचीन गुघाल मंदिर से रवाना होती रही है। इस वर्ष भी रमता पंचों के नेतृत्व में गुघाल मंदिर से भव्य पेशवाई निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राचीन गुघाल मंदिर में बिजली, पानी, साफ सफाई की समुचित व्यवस्थाएं की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व है। अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत नीलकंठ गिरि ने कहा कि परंपराओं के अनुरूप अखाड़ा की भव्य पेशवाई की तैयारियां चल रही हैं। गंगा तटों पर लगने वाले विशाल संत समागम के माध्यम से आध्यात्मिक संदेश देश दुनिया को नई दिशा प्रदान की जाएगी। सभापति श्रीमहंत पूनम गिरि ने कहा कि कुंभ के दौरान निकलने वाली अखाड़ा की पेशवाई एवं अन्य कार्यक्रमों के दौरान कोरोना गाईड लाइन एवं अन्य सभी नियमों का पालन किया जाएगा। पंचायती धड़ा फिराहेड़ियान के अध्यक्ष महेश तुंबड़िया, महामंत्री उमाशंकर वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष सचिन कौशिक ने कहा कि पेशवाई के दौरान तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से संतों का स्वागत किया जाएगा। इस दौरान श्रीमहंत कैलाशपुरी, महंत करण गिरि, श्रीमहंत )षिराज पुरी, राजेंद्र भारती, राजेश गिरी, महंत भगीरथ गिरि आदि मौजूद रहे।महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र रहने वाले नागा संन्यासियों का धर्मनगरी पहुंचना शुरू हो गया है। निरंजनी अखाड़ा में कन्या पूजन के साथ संन्यासियों का भव्य स्वागत हुआ। तीन मार्च को अखाड़ा की पेशवाई निकलेगी। सचिव और मेला प्रभारी श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा में नागा संन्यासियों का सबसे बड़ा योगदान है। मुगल शासकों के समय में नागा संन्यासियों ने लड़ाई लड़कर सनातन धर्म की रक्षा की है। अखाड़ा के सिद्ध महात्मा माने जाने वाले नागा संन्यासी श्रीमहंत रामवन हरिद्वार पहुंचे। अखाड़ा में उन्होंने कन्या पूजन किया। श्रीमहंत रामवन के अखाड़ा में पहुंचने पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी और अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि नागा संन्यासियों के पहुंचने के साथ निरंजनी अखाड़ा में कुंभ से जुड़े धार्मिक कार्यों का आगाज हो गया है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि नागा संन्यासियों का उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। भगवान शंकर की तरह ही नागा संन्यासी वस्त्र नहीं पहनते हैं। श्रीमहंत राम रतन गिरि ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा के साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए संत समाज ने हमेशा अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर श्रीमहंत मनीष भारती, श्रीमहंत नरेश गिरि, श्रीमहंत राधे गिरि, गंगा गिरि, निलकंठ गिरि, राजगिरि, आनंद गिरि, राजेंद्र भारती, राकेश गिरीरि, रतन गिरि, दिगंबर विनोद गिरि, महेश गिरि, अनुज पुरी, नीतीश पुरी, सौरव गिरि, आनंद अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती आदि उपस्थित रहे। श्रीमहंत रामवन अखाड़ा के सिद्ध महात्मा हैं। आजीवन वस्त्र नहीं पहने हैं। देशभर में 50 से अधिक मंदिर बनवाए हैं। वो जिस स्थान पर जाते हैं वहां ज्यादा दिन नहीं रुकते हैं। दूसरे स्थान पर तपस्या के लिए निकल जाते हैं। कभी पक्के मकान में निवास नहीं करते हैं। हमेशा तंबू में ही रहकर तपस्या करते हैं। निरंजनी अखाड़ा के सवि श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने ब ताया कि आज बृहस्पतिवार को जमात पहुंच जाएंगी। जमातें एसएमजेएन पीजी काॅलेज में बनी छावनी में ठहरेंगी। वहां सभी व्यवस्था पूरी कर ली गई हैं। अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्माेही अणी अखाड़ा पहुंचकर तीनों वैष्णव अखाड़ों के श्रीमहंत एवं प्रतिनिधियों से मुलाकात कर कुंभ मेले की सुविधाओं पर चर्चा की। श्री पंच निर्माेही अनी अखाड़ा अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास ने कहा कि 16 मार्च को बड़ी संख्या में बैरागी संत हरिद्वार पहुंचेंगे। मेला प्रशासन को 15 मार्च तक भूमि आवंटित कर बिजली, पानी, शौचालय की मूलभूत सुविधाएं प्रदान करे। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से सुविधा नहीं मिलती है तो बैरागी संत अपने शिविर और तंबू स्वयं लगाएंगे। श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास ने कहा कि कोरोना महामारी को बहाना बनाकर मेला प्रशासन संतों को बरगला रहा है। धार्मिक अनुष्ठानों से ऊर्जा का संचार होता है और पूरे विश्व में सकारात्मक संदेश जाता है। श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा के श्रीमहंत किशन दास ने कहा कि कुंभ मेला प्रारंभ होने में ज्यादा समय नहीं है। जल्द ही बैरागी संतों का हरिद्वार आना प्रारंभ हो जाएगा। अचानक बैरागी संतों की भारी भीड़ हरिद्वार पहुंचेगी। मेला प्रशासन को समय रहते सभी कार्य पूर्ण कर लेने चाहिए। अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने सभी संतों को आश्वासन दिया कि कुंभ मेले के दौरान वैष्णव अखाड़ों के संतों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य, महंत प्र“लाद दास, महंत प्रेमदास, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, महंत प्रमोद दास, महंत अवध बिहारी दास, महंत मोहनदास, महंत रामशरण दास, महंत सुखदेव दास, महंत सिंटू दास, महंत अगस्त दास मौजूद रहे।